रामचरितमानस कथा (Ramcharitmanas Katha) हमारी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का सार है। श्री प्रीतम धाम ट्रस्ट इस दिव्य कथा का आयोजन भक्तों के कल्याण और आत्मिक उन्नति के लिए करता है। कथा में भगवान श्रीराम की जीवन-लीला, मर्यादा, और धर्म की अवधारणा को भावनात्मक व सरल भाषा में प्रस्तुत किया जाता है।
रामचरितमानस कथा का महत्व
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस एक ऐसा ग्रंथ है जो मानव जीवन को दिशा देने वाला आदर्श ग्रंथ माना जाता है। इसकी कथा सुनने से—
मन और विचारों में शुद्धता आती है।
जीवन में भक्ति, शांति और प्रेम की भावना बढ़ती है।
परिवार और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भाव जागृत होता है।
श्री प्रीतम धाम ट्रस्ट का योगदान
श्री प्रीतम धाम ट्रस्ट भक्ति, सेवा और संस्कारों के प्रसार के उद्देश्य से रामचरितमानस कथा (Ramcharitmanas Katha) का आयोजन करता है। अनुभवी कथावाचक भावनात्मक शैली में कथा वाचन करते हैं जिससे श्रोता भाव-विभोर हो उठते हैं। कथा के साथ सुंदर भजन संध्या, मानस पाठ और प्रवचन भी आयोजित किए जाते हैं।
कथा में वर्णित मुख्य प्रसंग
Shri Pritam Dham Trust की कथा में भावपूर्ण शैली में सभी प्रमुख लीला-प्रसंग शामिल होते हैं —
- प्रभु श्रीराम का अवतार व जन्मोत्सव
- गुरु विश्वामित्र के साथ यात्रा और ताड़का वध
- माता सीता स्वयंवर और धनुष भंग
- कैकेयी का वरदान और वनवास
- पंचवटी वास, सुवर्ण मृग, सीता हरण
- हनुमान जी की भक्ति — संजीवनी लाना
- लंका विजय और रावण वध
- राम राज्याभिषेक — न्यायसंगत और आदर्श शासन की स्थापना
हर प्रसंग मन में धर्म और मर्यादा का बीज बोता है।
राम चरित मानस का पठन श्रवण
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस में भगवान श्रीराम के निर्मल, आदर्श एवं दिव्य चरित्र का अत्यंत मार्मिक एवं विस्तृत चित्रण मिलता है। यह महाकाव्य महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत रामायण पर आधारित माना जाता है, किन्तु दोनों महाकाव्यों की प्रस्तुति शैली में स्पष्ट भिन्नता दृष्टिगोचर होती है।
वाल्मीकि रामायण में श्रीराम को एक महान, आदर्श मानव—मर्यादा पुरुषोत्तम—के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जबकि तुलसीदास जी ने श्रीराम को साक्षात भगवान विष्णु का अवतार मानकर उनके जीवन-चरित्र को भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण भाव में वर्णित किया है।
प्रचलित अवधि भाषा में रचे जाने के कारन रामचरितमानस की लोकप्रियता अद्वितीय है। उत्तर भारत में ‘रामायण’ के रूप में बहुत से लोगों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है। शरद नवरात्रि में इसके सुन्दर काण्ड का पाठ पूरे नौ दिन किया जाता है।
श्रीरामचरितमानस १५वीं शताब्दी के कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखा गया महाकाव्य है, जैसा कि स्वयं गोस्वामी जी ने रामचरित मानस के बालकाण्ड में लिखा है कि उन्होंने रामचरित मानस की रचना का आरम्भ अयोध्या में विक्रम संवत १६३१ (१५७४ ईस्वी) को रामनवमी के दिन (मंगलवार) किया था। गीताप्रेस गोरखपुर के संपादक श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार के अनुसार रामचरितमानस को लिखने में गोस्वामी तुलसीदास जी को २ वर्ष ७ माह २६ दिन का समय लगा था और उन्होंने इसे संवत् १६३३ (१५७६ ईस्वी) के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में राम विवाह के दिन पूर्ण किया था।
गोस्वामी जी ने श्रीरामचरितमानस को सात काण्डों में विभक्त किया है।
इन सात काण्डों के नाम हैं –
- बालकाण्ड
- अयोध्याकाण्ड
- अरण्यकाण्ड
- किष्किन्धाकाण्ड
- सुन्दरकाण्ड
- लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड) और
- उत्तरकाण्ड
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्र. 1: रामचरितमानस कथा क्या है?
उ. रामचरितमानस कथा (Ramcharitmanas Katha)भगवान श्रीराम के जीवन, आदर्शों और लीलाओं पर आधारित एक दिव्य प्रवचनमाला है, जो गोस्वामी तुलसीदास जी के ग्रंथ रामचरितमानस से ली गई है।
प्र. 2: श्री प्रीतम धाम ट्रस्ट में यह कथा कब होती है?
उ. यह कथा वर्ष में विभिन्न अवसरों पर आयोजित की जाती है। आप ट्रस्ट की वेबसाइट या सोशल मीडिया पेज पर तारीखें देख सकते हैं।
प्र. 3: क्या मैं ऑनलाइन कथा सुन सकता हूँ?
उ. हाँ, श्री प्रीतम धाम ट्रस्ट द्वारा ऑनलाइन रामचरितमानस कथा (Ramcharitmanas Katha) का लाइव प्रसारण भी किया जाता है ताकि भक्त कहीं से भी जुड़ सकें।
प्र. 4: क्या मैं अपने नगर में कथा का आयोजन करवा सकता हूँ?
उ. बिल्कुल, आप श्री प्रीतम धाम ट्रस्ट से संपर्क कर अपने क्षेत्र में रामचरितमानस कथा (Ramcharitmanas Katha) का आयोजन करवा सकते हैं। ट्रस्ट की टीम हर चरण में मार्गदर्शन और सहयोग करेगी।
आइए, श्री प्रीतम धाम ट्रस्ट की रामचरितमानस कथा (Ramcharitmanas Katha) के माध्यम से भक्ति, प्रेम और धर्म की इस पावन धारा में सम्मिलित हों और अपने जीवन को श्रीराममयी बनाएं।
सहभागिता के माध्यम
ट्रस्ट में प्रत्यक्ष उपस्थित होकर कथा का आनंद लें।
ऑनलाइन लाइव प्रसारण के माध्यम से देश-विदेश से जुड़ें।
अपने नगर या आश्रम में कथा आयोजन के लिए ट्रस्ट से संपर्क करें।
संपर्क करें:www.shripritamdhamtrust.in
पता: 11/17, Street no. 5, Rashid Market, Krishna Nagar, Delhi-110051
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